दोस्तों अगर आप किसी भी परतियोगिता की तेयारी कर रहे है तो आपको पता होना चाइये की राजस्थान में थार का मरुस्थल की कुछ विशेष शब्दावली जिनको हम यहाँ से पढ़ सकते है और आपको इन सब्दावाली के बारे में पता होना जरुरी है
बीड
पश्चिम राजस्थान में घास के बड़े-बड़े चारागावों को कहते हैं
लीलण
अजमेर में स्थानीय भाषा में सेवन घास को कहते हैं तेजाजी महाराज के घोड़े का नाम भी यही था
भाप बोल्ड्रस
जोधपुर में पाए जाने वाली चट्टानों के समूह को बाप बोलडर्स कहते हैं इसका संबंध कार्बोनेेशस फेरस युग से है
चंदन नलकूप । थार का घड़ा। जैसलमेर में है
लाठी सीरीज श्रंखला भी कहते हैं और इसके चट्टाने जुरैसिक काल के युग की है
मरुस्थल का मार्च
- मरुस्थल का आगे बढ़ना ही मरुस्थल का मार्च कहलाता है
- नाचना जैसलमेर का प्रसिद्ध है
- मरुस्थलीकरण पश्चिम से पूर्व की दिशा की ओर हो रहा है
पीवणा सांप
मरुस्थल में पाए जाने वाला एक प्रकार का विषैले सांप है जो इंसान की छाती पर बैठकर जेर मुंह में छोड़ता है
लू
थार के मरुस्थल से चलकर दिल्ली व विहार तक गर्मी के दौरान दिनों में चलने वाली अत्यंत कष्टकारी पवने हैं जो कि उत्तर भारत में चलती है
दिशा
पश्चिम से पूर्व में उत्तर से दक्षिण यह दिशाएं होती है
भभूल्यो
- तो उनका एक बवंडर होता है जो राजस्थान के मरुस्थल में बहुत तेज चलता है
तो दोस्तों राजस्थान मरुस्थल की कुछ यह सब्दवाली है जो आपको बहुत पसंद आई होगी अगर आपको कुछ इनके बारे में अधिक जानकारी है तो आप कमेंट करके बता सकते हैं