राजस्थान स्थिति एवं विस्तार Rajasthan Geography के बारे में जानकारी
अक्षांश:-
- भूमध्यआ रेखा के समान्तर पूर्व से पश्चिम खींची गई काल्पनिक रेखाएँ जो उत्तर से दक्षिण कोणात्मक दूरीदर्शाती है। दो अक्षांशों के मध्य औसत दूरी 111 कि.मी. है।
- कुल अक्षांश – 180
- कुल अक्षांश वृत्त या अक्षांश रेखाएँ – 179
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राजस्थान स्थिति एवं विस्तार Rajasthan Geography के बारे में जानकारीअक्षांश:-मुख्य अक्षांश:-देशान्तर:-मुख्य देशान्तर:-मानचित्र में राजस्थान की स्थिति:-राजस्थान की आकृति:-स्थलीय सीमा:-तटीय सीमा:-अन्तर्राष्ट्रीय सीमा:-राजस्थान की अन्तर्राज्यीय सीमा:-1. पृथ्वी की घूर्णन गति:-2. पृथ्वी का परिक्रमण गति:-1. कर्क संक्रांति:-
मुख्य अक्षांश:-
- भूमध्य रेखा – 0o अक्षांश
- कर्क रेखा – 23\(\frac{1}{2}\)° उत्तरी अक्षांश
- मकर रेखा – 23\(\frac{1}{2}\)° दक्षिणी अक्षांश
- आर्कटिक वृत्त – 66\(\frac{1}{2}\)° उत्तरी अक्षांश
- अंटार्कटिक वृत्त – 66\(\frac{1}{2}\)° दक्षिणी अक्षांश
- कर्क रेखा – (23\(\frac{1}{2}\)° उत्तरी अक्षांश) राजस्थान के दक्षिणी भाग से डूँगरपुर-बाँसवाडाजिलों से गुजरती है।
- अक्षांशीय दृष्टि से राजस्थान की स्थिति-उत्तरी गोलार्द्ध (भूमध्य रेखा के उत्तर में) है।
देशान्तर:-
भूमध्य रेखा के लम्बवत् उत्तर से दक्षिण खींची गई काल्पनिक रेखाएँ जो पूर्व से पश्चिम कोणीय दूरीदर्शाती है।
- कुल देशान्तर रेखाएँ – 360
- भूमध्य रेखा के समीप देशान्तरों के मध्य दूरी सर्वाधिक (111.132 कि.मी.) तथा ध्रुवों के समीप शून्य होतीहै।
मुख्य देशान्तर:-
- 0o देशान्तर-ग्रीनविच रेखा/प्रधान मध्याह्न रेखा प्रधान याम्योत्तर रेखा।
- 180o पूर्वी/पश्चिमी देशान्तर – अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा।
- 180\(\frac{1}{2}\)°पूर्वी देशान्तर – भारतीय मानक समय रेखा।
- देशान्तरीय दृष्टि से राजस्थान की स्थिति पूर्वी गोलार्द्ध में ग्रीनविच रेखा के पूर्व में है।
मानचित्र में राजस्थान की स्थिति:-
- विश्व या ग्लोब में राजस्थान की स्थिति – उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण)
- एशिया महाद्वीप में राजस्थान की स्थिति – दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण)
- भारत में राजस्थान की स्थिति – उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण)
राजस्थान की आकृति:-
- राजस्थान की आकृति विषम चतुष्कोणीय (पतंगाकार) है।
- राजस्थान की आकृति के लिए विषम चतुष्कोणीय शब्द का प्रयोग अंग्रेज अधिकारी टी.एच. हेडले नेकिया।
- राजस्थान की कुल सीमा – 5,920 कि.मी. है।
स्थलीय सीमा:-
- वह सीमा जो स्थल भाग से लगती है, स्थलीय सीमा कहलाती है।
- राजस्थान की स्थलीय सीमा – 5,920 कि.मी. हैं।
तटीय सीमा:-
- वह सीमा जो सागर या महासागर से लगती है, तटीय सीमा कहलाती है।
- राजस्थान की तटीय सीमा शून्य है अर्थात् राजस्थान किसी प्रकार की तटीय सीमा का निर्धारण नहीं करताहै।
- राजस्थान की स्थलीय सीमा या कुल सीमा को दो भागों में विभाजित किया गया है।
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा:-
- वह सीमा रेखा जो किसी देश के साथ लगती है, अन्तर्राष्ट्रीय सीमा कहलाती है।
- राजस्थान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से लगती है।
- राजस्थान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का प्रारंभ स्थल हिन्दूमलकोट (श्रीगंगानगर)
- राजस्थान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का समाप्ति स्थल भलगाँव (शाहगढ़)/बाखासर तहसील (बाड़मेर) है।
- राजस्थान के चार जिले पाकिस्तान के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारण करते हैं-
- श्रीगंगानगर – (210 कि.मी.)
- बीकानेर – (168 कि.मी.)
- जैसलमेर – (464 कि.मी.)
- बाड़मेर – (228 कि.मी.)
- भारत-पाकिस्तान के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारण 15 अगस्त, 1947 को तत्कालीन सीमाआयोग के अध्यक्ष ‘सर सिरिल रेडक्लिफ’ ने किया इस कारण इसे ‘रेडक्लिफ रेखा’ के नाम से जानाजाता है।
- राजस्थान के साथ पाकिस्तान के दो प्रान्त सीमा बनाते हैं- पंजाब प्रान्त तथा सिंध प्रान्त।
- पंजाब प्रान्त के तीन जिले राजस्थान के साथ सीमा बनाते हैं-
- बहावलनगर:- यह राजस्थान के साथ सर्वाधिक सीमा बनाने वाला पाकिस्तान का जिला है जोश्रीगंगानगर तथा बीकानेर के साथ सीमा बनाता है।
- बहावलपुर:– इसकी सीमा बीकानेर तथा जैसलमेर से लगती है।
- रहिमयार खाँ:– केवल जैसलमेर के साथ सीमा बनाने वाला पंजाब प्रान्त का जिला।
- सिंध प्रान्त के छ: जिले राजस्थान के साथ सीमा बनाते हैं-
- घोटकी:- केवल जैसलमेर के साथ सीमा बनाता है।
- सुक्कुर:– केवल जैसलमेर के साथ सीमा बनाता है।
- खैरपुर:– केवल जैसलमेर के साथ सीमा बनाता है।
- संघर:– जैसलमेर तथा बाड़मेर के साथ सीमा बनाता हैं।
- उमरकोट:– राजस्थान के साथ न्यूनतम सीमा बनाने वाला पाकिस्तान का जिला जो केवल बाड़मेर केसाथ सीमा बनाता है।
- थारपारकर:- केवल बाड़मेर के साथ सीमा बनाता है।
- राजस्थान के साथ पाकिस्तान के दो प्रान्त तथा नौ जिले अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारण करते हैं।
- भारत-पाकिस्तान के मध्य अनतर्राष्ट्रीय सीमा (रेडक्लिफ रेखा) कलम से निर्धारित प्राकृतिक सीमा है।
- राजस्थान की कुल स्थानीय सीमा – 5,920 कि.मी. है।
- राजस्थान की कुल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा – 1,070 कि.मी. है।
राजस्थान की अन्तर्राज्यीय सीमा:-
- वह सीमा जो किसी एक या एक से अधिक राज्य के साथ लगती है, अन्तर्राज्यीय सीमा कहलाती है।
- राजस्थान की अन्तर्राज्यीय सीमा पाँच राज्यों के साथ लगती है जिसकी कुल लम्बाई 4,850 कि.मी. है।
- राजस्थान पाँच राज्यों के साथ अन्तर्राज्यीय सीमा बनाता है-
- मध्य प्रदेश (1,600 कि.मी.)
- हरियाणा (1,262 कि.मी.)
- गुजरात (1,022 कि.मी.)
- उत्तर प्रदेश (877 कि.मी.)
- पंजाब (89 कि.मी.)
- राजस्थान के 23 जिले पाँच राज्यों के साथ सीमा बनाते हैं-
- पंजाब के साथ सीमा बनाने वाले राजस्थान के 2 जिले हैं- श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़।
- हरियाणा के साथ सीमा बनाने वाले राजस्थान के 7 जिले हैं- हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूँ, सीकर, जयपुर, अलवर और भरतपुर।
- उत्तर प्रदेश के साथ सीमा बनाने वाले राजस्थान के 2 जिले हैं- भरतपुर और धौलपुर।
- मध्य प्रदेश के साथ सीमा बनाने वाले राजस्थान के 10 जिले हैं- धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बाराँ, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ और बाँसवाड़ा।
- गुजरात के साथ सीमा बनाने वाले राजस्थान के 6 जिले हैं- बाड़मेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, डूँगरपुरऔर बाँसवाड़ा।
- राजस्थान के साथ सीमा बनाने वाले पंजाब के 2 जिले- फाजिल्का-श्री मुक्तसरस साहिबा।
- राजस्थान के साथ सीमा बनाने वाले हरियाणा के 7 जिले- सिरसा, फतेहबाद, हिसार, महेन्द्रगढ़, भिवानी, रेवाड़ी और मेवात।
- राजस्थान के साथ सीमा बनाने वाले उत्तर प्रदेश के 2 जिले- आगरा और मथुरा।
- राजस्थान के साथ सीमा बनाने वाले मध्य प्रदेश के 10 जिले- मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, आगरमालवा, नीमच, रतलाम, मन्दसौर और झाबुआ।
- राजस्थान के साथ सीमा बनाने वाले गुजरात के 6 जिले- कच्छ, बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली, माही सागर और दाहोद।
- राजस्थान के आठ जिले अन्त:वर्ती जिले है जो किसी प्रकार की अन्तर्राष्ट्रीय या अन्तर्राज्यीय सीमा कानिर्धारण नहीं करते हैं- नागौर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, अजमेर, टोंक, दौसा, बूँदी।
- राजस्थान के चार जिले जो दो राज्यों के साथ सीमा बनाते है-
- हनुमानगढ़ – पंजाब, हरियाणा
- भरतपुर – हरियाणा, उत्तर प्रदेश
- धौलपुर – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश
- बाँसवाड़ा – मध्य प्रदेश, गुजरात
- राजस्थान के जिले जो अन्तर्राज्यीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाते हैं-
- श्रीगंगानगर – पंजाब, पाकिस्तान
- बाड़मेर – गुजरात, पाकिस्तान
- राजस्थान का झालावाड़ जिला सर्वाधिक अन्तर्राज्यीय सीमा बनाता है। (520 कि.मी. मध्य प्रदेश केसाथ)
- राजस्थान का बाड़मेर जिला न्यूनतम अन्तर्राज्यीय सीमा बनाता है। (14 कि.मी. गुजरात के साथ)
- सर्वाधिक स्थलीय अन्तर्राज्यीय सीमा बनाने वाला जिला झालावाड़ (520 कि.मी. मध्य प्रदेश के साथ)
- न्यूनतम स्थलीय अन्तर्राज्यीय सीमा बनाने वाला जिला भीलवाड़ा (16 कि.मी. मध्य प्रदेश के साथ)
- राजस्थान के कोटा तथा चित्तौड़गढ़ जिले मध्य प्रदेश के साथ दो बार सीमा का निर्धारण करते हैं।
- राजस्थान की सूर्य के सापेक्ष स्थिति पृथ्वी की गतियों पर निर्भर करती है।
- पृथ्वी की गतियाँ दो प्रकार की होती है-
1. पृथ्वी की घूर्णन गति:-
- पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना पृथ्वी की घूर्णन गति कहलाती है।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है जिसके कारण दिन-रात बनते हैं।
- पृथ्वी की घूर्णन गति को दैनिक गति या परिभ्रमण गति भी कहा जाता है।
- पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण राजस्थान में सूर्योदय तथा सूर्यास्त सर्वप्रथम धौलपुर में होते हैं जबकिसूर्योदय तथा सूर्यास्त सबसे अन्त में जैसलमेर में होते हैं।
- दिन में सूर्य की सर्वाधिक लम्बवत् स्थिति जोधपुर में होती है इस कारण राजस्थान में सर्वाधिक औरऊर्जा उत्पादन की संभावना वाला जिला जोधपुर है।
- पर्यटन एवं सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर को सौर ऊर्जा त्रिभुज के रूप मेंविकसित किया जा रहा है।
2. पृथ्वी का परिक्रमण गति:-
- पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर दीर्घ वृत्ताकार पथ पर गति करना परिक्रमण परिक्रमण गति कहलाती है।
- पृथ्वी की परिक्रमण गति के कारण वर्ष बनते हैं इस कारण इसे वार्षिक गति भी कहा जाता है।
- पृथ्वी को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन 5 घण्टे 48 मिनट 46 सेकण्ड का समयलगता है।
- पृथ्वी की परिक्रमण गति के कारण सूर्य के सापेक्ष कुछ विशेष स्थिति बनती है-
1. कर्क संक्रांति:-
- सूर्य का कर्क रेखा पर सीधा चमकना।
- 21 जून
- उत्तरी गोलार्द्ध/राजस्थान में सबसे बड़ा दिन, सबसे छोटी रात।
2. मकर संक्रांति:-
- सूर्य का मकर रेखा पर सीधा चमकना।
- 22 दिसम्बर
- उत्तरी गोलार्द्ध/राजस्थान में सबसे छोटा दिन, सबसे बड़ी रात।
3. बसंत विषुव:-
- सूर्य का उत्तरायण से भूमध्य रेखा पर सीधा चमकना।
- 23 सितम्बर
- विश्व/राजस्थान में दिन-रात की अवधि समान।